“चुनाव का असर: क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल समाप्त, जिला पंचायत का कार्यकाल बढ़ा”


देहरादून। बीते 27 नवंबर को क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत का कार्यकाल खत्म होने पर सरकारी अधिकारी प्रशासकों की नियुक्त कर दी गई है, लेकिन शासन ने जिला पंचायत का कार्यकाल खत्म होने पर निवर्तमान अध्यक्ष को ही छह महीने के लिए प्रशासक नियुक्त कर चौंका दिया।

हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिला पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने पर सरकार में निवर्तमान अध्यक्ष को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया।

जिला पंचायत राज सचिव चंद्रेश कुमार ने यह आदेश जारी किया। जिला पंचायत का कार्यकाल 1 दिसम्बर 2024 को खत्म हो गया है।

इधर जारी आदेश में कहा गया कि प्रशासक के रूप में सम्बन्धित जनपद के जिला पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष को नियुक्त करने हेतु सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत करते हैं।

गौरतलब है कि दो तीन दिन पूर्व क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने पर शासन ने एसडीएम व अन्य अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त कर दिया था।

इस आदेश के बाद गांव-खलिहान में इस चर्चा ने भी जोर पकड़ लिया है कि शासन ने जिला पंचायत में निवर्तमान अध्यक्ष को प्रशासक नियुक्त कर दिया। लेकिन ब्लाक प्रमुख, ग्राम प्रधान व पंचायत सदस्यों को प्रशासक क्यों नहीं नियुक्त किया।

गौरतलब है कि पंचायत संगठन कोविड काल में कार्य नहीं होने पर कार्यकाल विस्तार की मांग कर रहे थे।

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल व मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल विस्तार के बाबत भेदभाव किये जाने पर शासन को कठघरे में खड़ा किया।

गोदियाल का कहना कि इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष की तरह क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत में भी चुने गए प्रतिनिधियों को ही प्रशासक नियुक्त करना चाहिए।

कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश सरकार निकाय, पंचायत सहकारिता व छात्र संघ चुनाव समय पर नहीं करवा पाई है।


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