सवाल:जन आक्रोश मार्च या न्याय व्यवस्था की अवहेलना? बड़ा सवाल खड़ा


देहरादून। देहरादून की ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहर दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज को लेकर तनावपूर्ण माहौल बनता जा रहा है। दरबार साहिब प्रबंधन का आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्व, विशेष रूप से अमन श्वेडिया और उनके साथी, लगातार श्री दरबार साहिब को टारगेट कर धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रबंधन ने प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चेताया कि माहौल को जानबूझकर तनावपूर्ण बनाया जा रहा है। दरबार साहिब से जुड़ी संगतों में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भारी रोष व्याप्त है।

मातावाला बाग को लेकर विवाद
दरअसल, विवाद की जड़ मातावाला बाग नामक भूमि है, जो दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के अंतर्गत एक ऐतिहासिक संपत्ति है। प्रबंधन का कहना है कि इस भूमि पर असामाजिक तत्व कब्जा करना चाहते हैं। कोर्ट से फैसले के बावजूद, अमन श्वेडिया द्वारा दरबार साहिब के प्रांगण में धरना प्रदर्शन कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।

प्रेस वार्ता में मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल, विशेष कार्याधिकारी विनय मोहन थपलियाल, जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी, कोच पवन शर्मा, विजय गुलाटी व राजेंद्र ध्यानी आदि मौजूद रहे।

न्यायालय आदेश की अवहेलना प्रबंधन के अनुसार, अमन श्वेडिया ने 10 अप्रैल को प्रेस वार्ता कर 13 अप्रैल को जन आक्रोश मार्च निकालने की घोषणा की, जिसमें मातावाला बाग और दरबार साहिब का भी उल्लेख है। जबकि माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार मातावाला बाग की 250 मीटर परिधि में किसी भी प्रकार के धरने या प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध है। यह आदेश दरबार साहिब पर भी लागू होता है। ऐसे में प्रस्तावित मार्च न्यायालय आदेश की सीधी अवहेलना है।

प्रबंधन ने प्रशासन को किया सतर्क प्रबंधन ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया है। उनका कहना है कि दरबार साहिब की गरिमा और शांति को प्रभावित करने की लगातार कोशिश की जा रही है।

उठाए गए सवाल प्रबंधन ने प्रेस वार्ता में कई ज्वलंत प्रश्न उठाए: जब मातावाला बाग दरबार की संपत्ति है, तो उस पर कब्जा करने की कोशिश कौन कर रहा है? क्या इन लोगों के कोई निजी स्वार्थ हैं? कौन लोग हैं जो दरबार साहिब की छवि को खराब कर रहे हैं? धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने के पीछे इनका उद्देश्य क्या है?

अफवाहों और साजिशों का खंडन प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर पेड़ों की कटाई की जो अफवाह फैलाई जा रही है, वह पूरी तरह झूठ है। वन विभाग ने स्थलीय निरीक्षण कर पेड़ों की स्थिति को सही पाया है। 2018 में भी ऐसी ही अफवाह फैलाई गई थी, जिसका सच सामने आया था।

जनकल्याण में अग्रणी भूमिका श्री दरबार साहिब न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र में भी अग्रणी रहा है। श्री महंत इन्द्रेश अस्पताल उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के मरीजों की जीवन रेखा है। SGRR एजुकेशन मिशन के तहत संचालित विद्यालयों से हजारों बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।

मातावाला बाग का सौंदर्यीकरण प्रबंधन ने जानकारी दी कि मातावाला बाग में सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है। खरपतवार हटाकर जुताई-बुवाई की गई है, नया प्रवेश द्वार और बाउंड्रीवाल बन चुकी है। इससे पहले इस क्षेत्र को कूड़ाघर बना दिया गया था, जिसे दरबार प्रबंधन ने रोका।

निष्कर्ष श्री दरबार साहिब प्रबंधन का कहना है कि कुछ तत्व दरबार की गरिमा को ठेस पहुंचाकर धार्मिक भावनाओं को भड़काना चाहते हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे, ताकि देहरादून की सद्भावना और शांति बनी रहे।


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