उलझन:”फाइलों में फंसी इंसानियत: पेंशन के लिए दर-दर भटकता एक असहाय नागरिक”


टिहरी गढ़वाल। ग्राम सिलेथी के समाजसेवक दलीप चन्द कुमाईं ने उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन द्वारा एक 80% दिव्यांग व्यक्ति की पारिवारिक पेंशन में किए जा रहे अनावश्यक विलम्ब को लेकर गहरी नाराज़गी व्यक्त की है। उन्होंने इस गंभीर मामले में गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी से मामले के जल्द से जल्द निस्तारण करने की गुहार लगाई है।

बता दें कि बताया गया है कि शंकर सिंह, जो कि 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं, लंबे समय से अपने हक की पारिवारिक पेंशन के लिए दर दर भटक रहे हैं। दुर्भाग्यवश, संबंधित विभागों द्वारा लगातार टाल-मटोल की जा रही है, जिससे न केवल उनका जीवन संकट में है, बल्कि एक असंवेदनशील तंत्र की पोल भी खुलती नजर आ रही है।

समाजसेवक दलीप चन्द कुमाईं ने इस मामले को सांसद बलूनी के संज्ञान में लाते हुए मांग की है कि वे अपनी प्रभावशाली भूमिका का प्रयोग कर शंकर सिंह को शीघ्र न्याय दिलवाएं। उन्होंने कहा कि एक दिव्यांग व्यक्ति को अपने अधिकारों के लिए इस तरह से संघर्ष करना हमारे समाज और प्रशासन के लिए शर्मनाक है। यह समय संवेदनशीलता दिखाने का है, न कि फाइलों में इंसानियत को दबाने का।”

दलीप ने पेंशन से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज सांसद कार्यालय को भेज दिए हैं और आशा जताई है कि जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय सामने आएगा। यह मामला ना केवल एक व्यक्ति की पीड़ा है, बल्कि उस व्यवस्था की परीक्षा भी है जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ का दावा करती है।

अब देखना यह है कि क्या सांसद इस पुकार को सुनते हैं और क्या प्रशासन इस बार एक दिव्यांग को उनका हक़ सौंपने में देर नहीं करेगा?


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