Uttarkashi Tunnel Collapse: 408 घंटे तकर चला रेस्क्यू मिशन पूरा, 41 मजदूरों का मिला नया जीवन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को मंगलवार को 17वें दिन सही सलामत वापस निकाल लिया गया। 16 दिनों बाद अंधेर से निकले श्रमिकों में खुशी की लहर है। परिवार से मिलकर श्रमिकों ने राहत की सांस ली है। सुरंग सकुशल बाहर आने के बाद  श्रमिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीफोन से बात की। पीएम मोदी ने कहा कि ये केदारनाथ बाबा की कृपा रही कि आप सब सकुशल बाहर आए हैं। 17 दिन का समय कम नहीं होता। अपनो से मिलने के बाद सभी श्रमिक खुश हैं और अपने अनुभवों को साझा किया।

बता दें कि रेस्क्यू टीमों को काफी मशक्कत के बाद मंगलवार रात को ये सफलता मिली। सभी 41 मजदूरों को टनल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सुरंग से बाहर निकलने के बाद 41 मजदबरों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। टनल के पास मजदूरों के परिजन भी मौजूद थे। जैसे ही उन्होंने अपनों को देखा, उनकी आंख से आंसू निकल आए।

टनल से बाहर आने के बाद मजदूरों ने रेस्क्यू टीम को शुक्रिया कहा। टनल से सबसे पहले विजय नाम का मजदूर बाहर आया था। जैसे ही विजय बाहर आया, टनल के बाहर तालियां बजने लगीं। सभी के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। मजदूरों के परिजनों की आंखों से आंसू निकलने लगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने जब मजदूर विजय से मुलाकात की तो उनके चेहरे पर भी खुशी साफ झलक रही थी। लगा कोई जंग जीत ली हो। अब सभी 41 मजदूर सुरंग से बाहर आ चुके हैं।

दिवाली के दिन टनल में फंस गए थे 41 मजदूर
दरअसल, उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर दिवाली के दिन ढह गया था, जिससे मलबे के दूसरी ओर 41 मजदूर फंस गए थे। इन्हीं मजदूरों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद समय-समय पर उत्तरकाशी पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे थे। साथ ही वॉकी-टॉकी पर बात कर मजदूरों को ढांढस बंधा रहे थे कि जल्द ही उन्हें टनल से बाहर निकाल लिया जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे. वह रेक्स्यू ऑपरेशन को लेकर सीएम धामी से अपडेट लेते रहते थे।

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