ब्रेन स्ट्रोक से बचाएंगे ये तरीके एम्स के न्यूरो विशेषज्ञों ने दिए ये सुझाव —-


ऋषिकेश । आज के दौर में सभी का लाइफ स्टाइल बहुत बदल गया है भागदौड़ भरी इस जिंदगी में कई लोगों को दिमागी बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है ऋषिकेश एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने ब्रेन स्ट्रोक के कारण और बचाव के तरीके बताए हैं जिनसे ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है यदि मुस्कुराने पर आपका चेहरा अचानक एक तरफ झुक जाए या आपके शारीरिक अंगों में अचानक कमजोरी महसूस की जाती है तो आपको अति सावधान रहने की जरुरत है।
यह लक्षण ब्रेन स्ट्रोक के हो सकते हैं ऐसे रोगियों के समुचित इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में एक ब्रेन स्ट्रोक यूनिट स्थापित की गई है

आइए समझते हैं कि स्ट्रोक क्या है ?

स्ट्रोक, जिसे मस्तिष्क का दौरा भी कहा जाता है, यह मस्तिष्क में रक्त संचार की आपूर्ति में अचानक रुकावट होने के कारण होता है। मस्तिष्क पर्याप्त रक्त की आपूर्ति के बिना कुछ सेकंड से अधिक समय तक अपनी कार्य क्षमता बनाए रखने में असमर्थ है। जिसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क की कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। इस बीमारी का निदान और शरीर में आने वाली विकलांगता का स्तर, स्ट्रोक के प्रकार, प्रभावित मस्तिष्क के हिस्से और क्षतिग्रस्त क्षेत्र के आकार के अनुसार अलग-अलग होता है। ब्रेन स्ट्रोक सामान्य प्रकार के मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों की रुकावट शामिल है। जबकि दूसरे प्रकार के स्ट्रोक में धमनियों के टूटने के कारण मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव हो सकता है, यह दोनों मामले अति गंभीर हैं।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि धमनियों की रुकावट की वजह से होने वाले स्ट्रोक के उपचार के लिए पहले 4 से 5 घंटे अति महत्वपूर्ण होते हैं। यदि इस समयावधि के भीतर रोगी अस्पताल पहुंच जाता है तो इलाज के दौरान मस्तिष्क में जमा रक्त के थक्के-फोड़ने (थ्रोम्बोलाइटिक) वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है। इससे मरीज को सीधा लाभ पहुंचता है। लेकिन इससे अधिक देरी से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी विधि से ही उपचार किया जाता है। ऐसे मरीजों को लाभ देने के उद्देश्य से एम्स में एक वृहद स्तर के स्ट्रोक केंद्र, एक तंत्रिका विज्ञान केंद्र स्थापित करने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। लिहाजा संस्थान में बहुत जल्दी यह यूनिट कार्य करना शुरू कर देगी।
जरुरी सावधानियां व बचाव के उपाय
एम्स के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नीरज कुमार ने स्ट्रोक पर नियंत्रण करने के उपायों के बारे में बताया कि इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप स्वस्थ आहार लें। नियमित व्यायाम करें और धूम्रपान और अन्य व्यसनों से दूर रहें। तनावमुक्त जीवनशैली अपनाएं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य लक्षणों वाले व्यक्ति की नियमित चिकित्सा जांच और उन लक्षणों पर पर्याप्त नियंत्रण इस बीमारी को रोकने में सहायक होता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *