ब्यूरो रिपोर्ट-रुद्रप्रयाग । केदारनाथ धाम में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार अन्नकूट उत्सव परंपरागत रूप से मनाया गया। इस पर्व का श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है इस अवसर भोले बाबा को नए अनाज का भोग लगाया गया। हालांकि कोरोना जैसी महामारी के चलते इस बार श्रदालु भगवान के इस अलौकिक रूवरूप के दर्शन नहीं कर पाए । परंपरा के अनुसार हर साल रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर अन्नकूट पर्व मनाया जाता है।
भगवान केदारनाथ जी को नये अनाज का भोग लगाया जाता है। नये चावलो को पकाकर भगवान केदारनाथ जी को चढाया जाता है तथा पके चावलों से स्वयंभू शिवलिंग को पूरी तरह ढक दिया गया और उसके बाद प्रातः काल चावलों को मंदाकिनी नदी के जल में प्रवाहित कर दिया गया । ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव सभी खाद्य पदार्थों से जहर को समाप्त कर देते है, इस पर्व को भतूज भी कहा जाता है।

इस अवसर पर सुबह 3 बजे से चार बजे तक मंदिर में विशेष दर्शन किये गए, इस बार स्थानीय पंचगाई हक हकूकधारियों की ओर से आर .सी. तिवारी, राकेश तिवारी, अशोक शुक्ला, ललित शुक्ला, धर्मेंद्र तिवारी द्वारा भगवान केदारनाथ को नया अनाज का भोग लगाया गया । केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की और लोक जनकल्याण की कामना की गई ।