ऋषिकेश । किसी भी कलाकार को अपना हुनर दिखाने के लिए किसी मंच की जरूरत नहीं ऋषिकेश के रहने वाले पुनील ने यह साबित कर दिया । इस कलाकर की कला कुछ अलग है पुनील बरसात में जमी काई को खुरच कर एक सुंदर आकार बना देते है कि आने जाने वाले एक बार को रुक कर देखने को मजबूर हो जाते हैं । इस कलाकार की कलाकारी ही कुछ ऐसी है कि आदमी रुकने को मजबूर हो जाए। पुनील जहां भी दीवार पर काई देखते हैं तो वो उसे फूलों जानवरों व सुंदर पहाड़ों की तस्वीर में उकेर देते हैं वैसे तो काई देखने में अच्छी नहीं लगती लेकिन इस कलाकार द्वारा जब उसमें अपनी कलाकारी दिखाई जाती है तो काई भी सुंदर लगने लगती है ।
ऋषिकेश के गंगा किनारे दीवारों में आजकल बरसात के मौसम की वजह से काई जमी हुई है
ऐसे में पुनील अपनी कलाकारी को उस दीवार पर जमी हरी काई पर उकेर रहा है आप देख सकते है यह सख्स काई पर अभी गुलाब का फूल बना रहा है ।
पुनील का कहना है कि मैं कुछ अलग करना चाहता हूँ इसलिए ऐसा कर रहा हूँ. ऐसा कलाकार बनना चाहता हूँ जिसकी कला अलग हो मुझे कला से प्यार है जहाँ भी काई जमी मिलती है कुछ न कुछ बनाने की कोशिश करता है और अपना समय ब्यतीत करता हूँ ।