वैक्सीन लगाओ कैंसर भगाओ नुक्कड़ नाटक से कैंसर के प्रति किया जागरूक

ब्यूरो रिपोर्ट- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एम्स ऋषिकेश के स्त्री रोग विभाग की ओर से गाइनी ओपीडी में सर्वाइकल कैंसर विषय पर महिलाओं को इस बीमारी से बचाव संबंधी विस्तृत जानकारियां दी गई। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि कैंसर की बीमारी से बचने के लिए समय पर जांच बेहद जरूरी है।

सोमवार को एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में गाइनी विभाग के तत्वावधान में महिलाओं को गर्भाशय के मुख के कैंसर को लेकर जागरुक किया गया। इस अवसर पर आईबीबीसी की प्रमुख व वरिष्ठ शल्य चिकित्सक प्रोफेसर बीना रवि ने कहा कि जागरुकता से ही बीमारियों से बचाव संभव है। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को ब्रेस्ट व मुख के कैंसर को लेकर जागरुक किया। बताया कि 45 साल से अधिक आयु वाली प्रत्येक महिला को अपने ब्रेस्ट की जांच करवानी चाहिए। कहा कि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहने की वजह से ही महिलाओं में कैंसर के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। लिहाजा उन्हें अपने स्तनों की जांच कराकर इस बीमारी से बचाव रखना होगा। उन्होंने इस बीमारी के लक्षणों पर चर्चा करते हुए बताया कि छाती में गांठ का उभरना और ब्रेस्ट से पानी निकलना इसके लक्षण हो सकते हैं।

स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने बताया कि गर्भाशय के मुख के कैंसर के लिए महिलाओं के लिए समय-समय पर स्क्रीनिंग कराना जरूरी है। उन्होंने बताया कि गर्भाशय के मुहं से बदबूदार पानी आना, ब्लीडिंग होना तथा दर्द का हमेशा बना रहना आदि गर्भाशय कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

स्त्री रोग विभाग की एडिशनल प्रोफेसर वरिष्ठ सर्जन डा. अनुपमा बहादुर ने बताया कि गर्भाशय के मुख के कैंसर की जांच प्रक्रिया बहुत ही सरल है। जिसकी जांच मात्र 10 रुपए में हो जाती है। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष की किशोरियों को अनिवार्यरूप से वैक्सीन लगाई जानी चाहिए। कार्यक्रम को प्रो. शालिनी राव, डॉ अमृता गौरव, डा. रूबी गुप्ता, डा. कविता खोईवाल, डा. राजलक्ष्मी मूंदड़ा व नर्सिंग काॅलेज की प्राचार्य डा. वसंथा कल्याणी, डा. प्रसूना जैली आदि ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में नर्सिंग छात्राओं ने वैक्सीन लगाओ कैंसर भगाओ के संदेश के साथ नुक्कड़ नाटक और पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से ओपीडी में आई महिलाओं व उनके तीमारदारों को गर्भाशय के मुख के कैंसर के प्रति जागरुक किया गया व उन्हें इसके कारण और उपचार के बारे में जानकारियां दी गई। इस अवसर पर नर्सिंग ट्यूटर कुसुम रोहिला, कीर्ति, पीएचडी स्कॉलर नीतू आदि मौजूद थे।

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